नई दिल्ली । पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस एक बार फिर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ संपर्क में हैं। पीके की पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ मुलाकात हो चुकी है और दोनों पक्ष पिछले साल के मुकाबले ज्यादा सकारात्मक हैं। ऐसे में माना जा रहा है प्रशांत किशोर गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से नेता के रूप में प्रचार की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रशांत किशोर पार्टी के साथ चुनाव रणनीतिकार के बजाए एक नेता के तौर पर काम करना चाहते हैं। इससे पहले भी उन्होंने एक बार पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई थी, पर उस वक्त कुछ कारणों के चलते बात नहीं बन पाई। सूत्रों का कहना है कि प्रशांत पार्टी में शामिल होकर गुजरात व हिमाचल के साथ 2024 के चुनाव रणनीति पर काम करना चाहते हैं। प्रशांत किशोर ने पिछले साल सितंबर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे कि पार्टी उन्हें महासचिव नियुक्त कर चुनाव की जिम्मेदारी सौंप सकती है। पर उस वक्त पार्टी नेताओं की राय थी कि प्रशांत को पार्टी महासचिव बनाकर पूरी जिम्मेदारी सौंपने के बजाए उन्हें सलाहकार की भूमिका में भी रखना चाहिए। इसलिए बातचीत खत्म हो गई थी।इस माह हुए पांच में से तीन राज्यों में कांग्रेस का भाजपा से सीधा मुकाबला था। इन तीनों राज्यों- उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी पार्टी का भाजपा से मुकाबला है। वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने प्रदर्शन सुधारा था। पर पिछले पांच साल में गुजरात कांग्रेस संगठन कमजोर हुआ है। पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल कम हुआ है। ऐसे में पार्टी के अंदर चुनाव रणनीतिकार की जरूरत महसूस की जा रही है। प्रशांत किशोर चुनावी नब्ज पकड़ने में माहिर है। उनकी सफलताओं ने उन्हें एक रुतबा दिया है। वह मोलभाव करने की स्थिति में हैं। ऐसे में वह कांग्रेस के साथ काम शुरू करने से पहले अपनी स्थिति को लेकर पार्टी नेतृत्व से मोलभाव कर सकते हैं। एक नेता ने कहा कि वह पार्टी के साथ जुड़ते हैं तो 2024 चुनाव तक साथ रहेंगे।
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