मुंबई । वरिष्ठ बैंकर आदित्य पुरी ने वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम के कारोबारी मॉडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि कंपनी ने कैशबैक देकर ग्राहक जुटाए है, सेवाओं के जरिये नहीं। पुरी ने शुरुआत से ही निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक की अगुवाई की थी और वर्ष 2020 में सेवानिवृत्त होने तक इसे क्षेत्र में सबसे बड़ा बैंक बना दिया। उन्होंने पेटीएम के कारोबारी मॉडल पर सवाल उठाया और यह सोचकर हैरानगी जताई कि अगर कंपनी इतने भुगतानों का प्रबंधन करती है तो मुनाफा कहां है? पुरी की तरफ से यह टिप्पणी दरअसल पेटीएम के शेयरों में भारी गिरावट के बीच आई है, जो अब उस कीमत से 75 फीसदी कम है जिस पर निवेशकों ने उन्हें आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में खरीदा था। यह हालांकि पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस तरह की कंपनियों के काम करने के तरीके पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय में आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि पेटीएम इतना भुगतान करती है लेकिन लाभ कब कमाएगी? एक बैंक के विपरीत पेटीएम ने कैशबैक की पेशकश के जरिये अपने लाखों ग्राहकों को आकर्षित किया है जबकि एक बैंक अपनी सेवाओं की पेशकश के लिए शुल्क लेता है और मुनाफा कमाता है।
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