नयी दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) आगामी पहली मई से लागू होगा। इसके तहत दोनों देशों के बीच तमाम वस्तुओं का व्यापार शुल्क मुक्त हो जाएगा।यह द्विपक्षीय समझौता भारत और यूएई के बीच इस समय व्यापार में शामिल करीब-करीब हर प्रकार की वस्तुओं पर लागू होने वाला है। इनमें भारत के व्यापार की दृष्टि से 11,908 प्रकार की वस्तुएं (टैरिफ लाइन) और संयुक्त अरब अमीरात की ओर से 7581 प्रकार की वस्तुओं को वरीयता के आधार पर व्यापार के प्रावधान शामिल किया गया हैं।बयान के अनुसार इससे भारत को अपनी 97 प्रतिशत वस्तुओं पर यूएई द्वारा प्रदान की जाने वाली तरजीही बाजार पहुंच से लाभ होगा, जो मूल्य के संदर्भ में यूएई को भारतीय निर्यात का 99 प्रतिशत हिस्सा है।इस समझौते के तहत भारत अपने यहां आयात की जाने वाली 90 प्रतिशत वस्तुओं पर यूएई को वरीयता के आधार पर बाजार उपलब्ध कराएगा।सेवाओं में व्यापार के संबंध में भारत ने लगभग 100 उप-क्षेत्रों में संयुक्त अरब अमीरात को बाजार पहुंच की पेशकश की है, जबकि भारतीय सेवा प्रदाताओं के पास 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों जैसे व्यावसायिक सेवाएं, ‘संचार सेवाएं , निर्माण और संबंधित इंजीनियरिंग सेवाएं’, ‘वितरण सेवाएं’, ‘शैक्षिक सेवाएं’, ‘पर्यावरण सेवाएं’, ‘वित्तीय सेवाएं’, ‘स्वास्थ्य संबंधी और सामाजिक सेवाएं’, ‘पर्यटन और यात्रा संबंधी सेवाएं’, ‘मनोरंजक सांस्कृतिक और खेल सेवाएं’ और ‘परिवहन सेवाओं के ‘ से लगभग 111 उप-क्षेत्रों तक पहुंच होगी।दोनों पक्ष इस समझौते में औषधियों के व्यापार के बारे में एक अलग परिष्टि जोड़ने पर सहमत हुए हैं। जिससे भारतीय औषधियों को वहां बाजार मिलने में आसानी होगी। इसके तहत भारत में बनायी गयी दवाओं को वहां के विशिष्ट मानकों को संतुष्ट करने के बाद 90 दिन के अंदर स्वतः पंजीकरण और विपणन का अधिकार की अनुमति मिल जाएगी।भारत-यूएई सीईपीए के तहत दोनों पक्षों ने पांच साल में द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस समय द्विपक्षीय व्यापार 60 अरब डालर का है जिसमें भारतीय निर्यात 26 अरब डालर का है। इस समझौते से भारत के रोजगार प्रधान रत्न-आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते चप्पल, खेल के सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि एवं लकड़ी के सामान, इंजिनियरिंग उत्पाद, चिकित्सा उपकरण और वाहन उद्योग को फायदा होगा।दुबई में भारत-यूएई व्यापार समझौते पर व्यावसायियों की एक बैठक को सोमवार को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक समझौता है और इसके साथ एक नयी शुरूआत हो रही है। उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के संबंधों में बुनियादी बदलाव लाने वाला समझौता है। गोयल ने कहा, “यह करार करते हुए हमारे मन में यह नहीं था कि हम यूएई की केवल एक करोड़ की आबादी के साथ जुड़ रहे हैं, बल्कि हम दोनों पक्षों का यही सोचना था कि यह सीईपीए दोनों देशों के व्यवसायियों कहीं बहुत बड़े अवसरों के द्वार खोलने वाला समझौता है।”भारत-यूएई सीईपीए पर गत 18 फरवरी को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबूधाबी के युवराज, यूएई सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर और कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान के बीच भारत-यूएई ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।भारत-यूएई सीईपीए पिछले एक दशक में किसी भी देश के साथ भारत द्वारा हस्ताक्षरित पहला गहरा और पूर्ण मुक्त व्यापार समझौता है। यह समझौता एक व्यापक समझौता है, जिसमें माल के व्यापार, उत्पत्ति के नियम, सेवाओं में व्यापार, व्यापार के लिए तकनीकी बाधाएं (टीबीटी), स्वच्छता और पादप स्वच्छता (एसपीएस) उपाय, विवाद निपटान, प्राकृतिक व्यक्तियों की आवाजाही, दूरसंचार, सीमा शुल्क प्रक्रिया, फार्मास्युटिकल उत्पाद, सरकारी खरीद, आईपीआर, निवेश, डिजिटल व्यापार और अन्य क्षेत्रों में सहयोग संबंधी क्षेत्र शामिल हैं।
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