नई दिल्ली । रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण क्रूड में तेजी के बीच पिछले दो दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 1.60 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। एलपीजी के दाम भी बढ़े हैं। खुदरा ईंधन विक्रेता कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल और एलपीजी की कीमतों में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। कुल मिलाकर इससे महंगाई के और बढ़ने की संभावना है। पिछले साल नवंबर के बाद से ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 40 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। ईसीआरए लिमिटेड में कॉरपोरेट रेटिंग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें आगे अभी और बढ़नी हैं। ईंधन की बढ़ती कीमतों से भारतीय परिवारों पर दबाव बढ़ सकता है। इससे वस्तुओं और सेवाओं की मांग में कमी आ सकती है। तेज आर्थिक विकास के लिए ब्याज दरों को कम रखने की आरबीआई की प्रतिबद्धता पर भी महंगाई का दबाव पड़ेगा। पूरे साल के लिए ईंधन की कीमतों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई यानी खुदरा महंगाई 42 बेसिस प्वाइंट और थोक महंगाई 100 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ जाती है। क्रूड में मौजूदा तेजी न सिर्फ अर्थव्यवस्था पर महंगाई का दबाव बढ़ाएगी बल्कि निजी खपत पर भी इसका प्रभाव दिखेगा।
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