बांदा। गांवों में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में महती भूमिका निभा रहीं आशा संगिनियों को हाईटेक किया जा रहा है। वह अब एचआरपी चिन्हीकरण, मातृ-मृत्यु रिपोर्टिंग सहित अन्य निगहबानी मोबाइल एप के माध्यम से करेंगी। उन्हें एप के संचालन में दक्ष बनाने के लिए प्रथम चरण में सीएमओ सभागार में 58 आशा संगिनियों को प्रशिक्षित किया गया।प्रशिक्षक जितेंद्र कुमार (कानपुर) ने मोबाइल एप्लीकेशन काम करने का तरीका बताया। उन्हें क्रियाशीलता चेकलिस्ट भरना, एचआरपी चिह्नीकरण करना, मातृ-मृत्यु रिपोर्टिंग तथा संगिनी सहेली माड्यूल के बारे में भी जानकारी दी। प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने कहा कि मोबाइल पर काम करने से आशा संगिनियों की क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं में सुधार के लिए इसे बड़ी पहल भी बताया। जिला कार्यक्रम प्रबंधक कुशल यादव ने प्रशिक्षण का उद्देश्य बताते हुए कहा कि आशा संगिनी द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को दिए जाने से वाले सहयोगात्मक पर्यवेक्षण को सुदृढ़ एवं मजबूत करने के लिए एम हेल्थ (मोबाइल हेल्थ) परियोजना शुरू की गई है। इस परियोजना के आने से आशा संगिनी को आशा कार्यकर्ताओं का पर्यवेक्षण करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि आशा संगिनियों को दो सत्रों में प्रशिक्षण दिया गया। जनपद में 822 संगिनियों व आशा को मोबाइल दिए गए हैं। आशाओं को भी शीघ्र ही प्रशिक्षण देने की तैयारी है।
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