चित्रकूट। नेहरू युवा केंद्र ने गोस्वामी तुलसीदास राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के तहत हरित गांव-स्वच्छ गांव विषय पर युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्राचार्य डा. राजेश पाल ने युवाओं को पर्यावरण में सुधार करने वाले संदेश देकर जन-जन तक पहुंचाने का आवाहन किया। कहा कि गांव में जो व्यवस्थाएं हैं उनके प्रति लोगों को जागरूक करें। ताकि लोग खुले स्थान में शौंच न जाएं। घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। कूड़ा करकट इधर-उधर न फेंके। कूड़ा को ढक्कन वाले डिब्बे में एकत्र करें और उसका निपटारा उपयुक्त स्थान पर करें। नाली व्यवस्था के साथ प्लेटफार्म बनाएं। अपने घर में बने शौचालय का उपयोग करें। जिनके यहां शौचालय नहीं हैं वह शौचालय जरूर बनवाएं। गांव में सामुदायिक स्वच्छता अभियान चलाकर जन-जन को स्वच्छता का महत्व भी बताया जाए। कार्यक्रम के संयोजक नेहरू युवा केंद्र के एपीएस प्रवीण कुमार सक्सेना ने बताया कि हरित गांव स्वच्छ गांव कार्यक्रम के तहत युवाओं को इसका महत्व बताकर समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूक किए जाने की जरूरत है। घर में हरियाली और खुशहाली के लिए वृहद वृक्षारोपण, प्लास्टिक सामग्री का उपयोग न करने, गांव में बने शौचालयों का शत प्रतिशत उपयोग पर जोर दिया। चीफ प्राक्टर डा. धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि आज हार्टअटैक जैसी बीमारियां युवाओं में भी घटित हो रही हैं। यह प्राकृतिक असंतुलन का ही दुष्परिणाम है। प्रकृति में विद्यमान जडी बूटियों से दूर होकर अंग्रेजी दवाओं पर निर्भर हो गए हैं। औषधीय पौधे लगाना चाहिए। मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, चना व महुआ का सेवन करें। ताकि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि हो और बीमारियों से दूर रहें। डा. नीरज गुप्ता ने कहा कि यदि समस्या है तो समाधान भी है। बस मानसिक अभ्यास और सोंच बदलने की जरूरत है। डा. अमित कुमार सिंह ने कहा कि मानव भौतिक संस्कृति की ओर चिपका हुआ है। जिससे प्रकृति असंतुलित हो रही है। शिक्षक शंकर यादव ने कहा कि स्वच्छता के बारे में कहा कि जन समुदाय को जागरूक करने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। कार्यक्रम का संचालन डा. वंशगोपाल ने किया। इस मौके पर प्राध्यापक डा. सीमा कुमारी, डा. अतुल कुशवाहा आदि मौजूद रहे।
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