प्रयागराज।उ.प्र. राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज का 16वां दीक्षान्त समारोह शुक्रवार को सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में कोविड-19 प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए आयोजित किया गया। दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल एवं कुलाधिपति माननीया श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने की। दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि प्रो0 रमाशंकर दुबे, कुलपति, गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय, गाँधीनगर ने दीक्षान्त भाषण दिया। 16वें दीक्षान्त समारोह में विभिन्न विद्याशाखाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को 21 स्वर्ण पदक प्रदान किये गये, जिनमें 10 स्वर्ण पदक छात्रों तथा 11 स्वर्णपदक छात्राओं को दिये गये। दीक्षान्त समारोह में सत्र दिसम्बर 2020 तथा जून 2021 की परीक्षा के सापेक्ष उत्तीर्ण लगभग 19151 हजार शिक्षार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी, जिसमें 11225 पुरूष तथा 7926 महिला शिक्षार्थी हैं। दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता करते हुये कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सभी मेधावी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की तथा उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया। श्रीमती पटेल दीक्षान्त समारोह में राजभवन से ऑनलाइन माध्यम से जुड़ी थीं। कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय उपाधि डिजीलॉकर का ऑनलाइन उद्घाटन किया। दीक्षांत भाषण देते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर रमा शंकर दुबे, कुलपति, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय, गांधीनगर ने कहा कि शिक्षा आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण का एक सशक्त माध्यम है। भारत को हर क्षेत्र में समृद्ध बनाने के लिए उच्च शिक्षा एक अनिवार्य कारक है। उच्च शिक्षा के स्तर से ही समाज की स्थिति एवं उसकी उन्नति का पता चलता है। प्रोफेसर दुबे ने कहा कि वर्तमान उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए भारत के पारंपरिक ज्ञान एवं सांस्कृतिक मूल्यों को सहेज कर समावेशित करने की आवश्यकता है। मुख्य अतिथि प्रोफेसर दुबे ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं की पहचान में गुणवत्तायुक्त और नवाचारयुक्त शोध का बहुत महत्व है। शोध एवं अन्वेषण के फलस्वरुप ही कृषि, विज्ञान, चिकित्सा, प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति आई है। उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने भी शोध के क्षेत्र में नई पहल प्रारंभ की है।प्रोफेसर दुबे ने दीक्षांत समारोह में शामिल शिक्षकों एवं मेधावी छात्रों से आग्रह किया कि सभी मिलजुल कर एक ऐसा वातावरण और व्यवस्था विकसित करें जिसमें सबको अपने कर्तव्य को पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा के साथ निर्वहन करने का अवसर मिले। उन्होंने कहा कि छात्र हमारे देश के भविष्य और हमारी उर्जा हैं। इनसे राष्ट्र के विकास को गति मिलती है। उन्होंने छात्रों को मंत्र देते हुए कहा कि शिक्षा जीवन पर्यंत जारी रहने वाली सारस्वत प्रक्रिया का नाम है। अतः हमें जीवन भर निरंतर पढ़ने और सीखने की लालसा बनाए रखनी चाहिए।मुख्य अतिथि प्रोफेसर दुबे ने उपाधि प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों से कहा कि वे अपने जीवन में नैतिकता एवं मानवीय मूल्यों का समावेश करते हुए निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप अथक परिश्रम करें। उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है, अतः सफलता अवश्य मिलेगी। प्रोफेसर दुबे ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थाओं की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वह समाज के विकास में सीधी भूमिका निभाएं। अपने आसपास स्थित जन समुदाय के सामाजिक आर्थिक विकास में सक्रिय योगदान करें।गांधीनगर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दुबे ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत को एक सशक्त ज्ञान आधारित राष्ट्र बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। इस नीति के कार्यान्वयन की दिशा में आज यह आवश्यक हो गया है कि हम हर स्तर पर अपने पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए हर छात्र को अनिवार्य रूप से भारतीय ज्ञान परंपरा, गौरवशाली भारतीय संस्कृति, भारतीय पारंपरिक मूल्य, संस्कार, नीति एवं मानव मूल्य, जीवन मूल्य, पर्यावरण शिक्षा, संचार कौशल, व्यक्तित्व विकास तथा जैविक जीवन की शिक्षा दें। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण करना है जो पूर्ण रूप से भारतीय मूल्यों एवं परंपराओं के प्रति समर्पित हो।कुलपति प्रो0 सीमा सिंह ने स्वागत भाषण तथा विश्वविद्यालय के गत वर्ष का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुये कहा कि शिक्षा के प्रसार तथा कार्यक्रमों की गुणवत्ता उन्नयन हेतु विश्वविद्यालय कृतसंकल्पित है। इस दिशा में प्रयास करते हुये आगामी सत्र से ‘‘डिजिटल लिटरेसी, कर्मकाण्ड तथा ज्योतिष तथा दिव्यांगों के सशक्तिकरण हेतु ‘आटिज्म’ (स्वालीनता) जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों में शैक्षिक कार्यक्रम संचालित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने तकनीकी संसाधनों का आधुनिकीकरण करते हुए वेबसाइट को एक नया स्वरूप देकर इसे स्टूडेन्ट फ्रेन्डली बनाया है तथा डिग्री डिजी-लॉकर विकसित कर उसे लाइव करने की व्यवस्था भी कर ली गयी हैै। 16वें दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय अध्ययन केन्द लखनऊ की एम0ए0 योग की छात्रा मोनिका पाण्डेय को दिया गया। दीक्षान्त समारोह का संचालन प्रो0 विनोद कुमार गुप्ता एवं डॉ0 श्रुति ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर समारोह में भारत स्काउट एण्ड गाइड इण्टर कालेज के स्काउट छात्रों को पुस्तकें एवं बैग प्रदान किया गया। समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रो0 रमा शंकर दुबे एवं कुलपति प्रो0 सीमा सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। दीक्षान्त समारोह का ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन संचालन किया गया। विश्वविद्यालय के 12 क्षेत्रीय केन्द्रों एवं 1200 अध्ययन केन्द्रों पर यू-टयूब के माध्यम से दीक्षांत समारोह का सजीव प्रसारण किया गया।
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