नयी दिल्ली | उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी नेता नारायण राणे के विधायक बेटे नितेश राणे की महाराष्ट्र में हत्या के कथित प्रयास के एक मामले में अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करने से गुरुवार को इनकार कर दिया।मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की खंंडपीठ ने महाराष्ट्र के कंकावली से विधायक नितेश राणे की याचिका पर विचार करने से किया इनकार करते हुए आरोपी को संबंधित अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने और नियमित जमानत लेने का आदेश दिया।खंडपीठ ने हालांकि विधायक राणे को अगले 10 दिन तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है। पीठ ने इस संबंध में महाराष्ट्र पुलिस से कहा कि वह आरोपी को अगले 10 दिन तक गिरफ्तार न करें।श्री राणे की ओर से वरिष्ठ वकील एवं पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी शीर्ष अदालत से अंतरिम जमानत देने की गुहार लगाई थी।श्री रोहतगी इससे पहले 24 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष ‘विशेष उल्लेख’ के तहत आरोपी राणे की याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया।श्री रोहतगी ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए पीठ के समक्ष कहा था कि उनके मुवक्किल को राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण मुकदमे में फंसाया जा रहा है।महाराष्ट्र की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के विधायक नितेश ने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इससे पहले बांबे उच्च न्यायालय में अपनी अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी, जहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।महाराष्ट्र के कंकावली निवासी संतोष परब ने विधायक राणे से कथित तौर पर जुड़े कुछ लोगों द्वारा अपने साथ सड़क पर मारपीट की इस घटना के संबंध में पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस को दिए तहरीर में घटना गत वर्ष दिसंबर में सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान बताई गई है।
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