नई दिल्ली। शरीर में कोलेस्ट्रॉल ज्यादा है तो सफेद तिल का सेवन करें। इसके इस्तेमाल से कोलेस्ट्रॉल जल्द कम हो जाएगा। एक्सपटर्स की माने तो तिल में मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो शरीर से कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए जाना जाता है। इसमें प्रोटीन, मैंगनीज, विटामिन ई और फाइबर जैसे पोषक तत्व भी बहुत अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जो हार्ट , स्ट्रेस और डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में कारगार है।यह लंग कैसर, पेट के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को भी कम करने में फायदेमंद साबित होता है। इन सभी स्वास्थ्य लाभों की वजह से ही चीनी दवा से लेकर आयुर्वेद तक तिल की चर्चा हर जगह होती है। हाल ही में पत्रिका में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, तिल बैड कोलेस्ट्रॉल और हाई ट्राइग्लिसराइड लेवल को कंट्रोल करने में सहायक है। सिर्फ इतना ही नहीं, यह और भी कई बीमारियों में रामबाण साबित होता है। तो आइए जानते हैं, हमें अपनी डेली डाइट में तिल को शामिल क्यों करना चाहिए। अध्ययन के अनुसार, रोजाना 2-3 चम्मच तिल का सेवन करने से लिपिड को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को 8-16 प्रतिशत और कुल कोलेस्ट्रॉल को 8 प्रतिशत तक कम करती है। चूंकि, तिल में फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, इसलिए कई स्टडीज में अपने दैनिक आहार में कैलोरी की जगह तिल का सेवन करने की सलाह दी है। तिल के बीज कोलेस्ट्रॉल को कम करने में कैसे प्रभावी हैं स्टडी के अनुसार, तिल बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल को नियंत्रित करने में बहुत प्रभावी है।कई स्टडीज से पता चला है कि तिल में पाया जाने वाला सेसमिन छोटी आंत से कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकने में मदद करता है और एंजाइम एचएमजी सीआए रिडेक्ट्स की गतिविधि को भी कम कर सकता है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल बनाने के लिए जिम्मेदार होता है। स्टडी में पाया गया है कि केवल दो महीनों में 3.6 मिग्रा सेसमिन LDL को 16 प्रतिशत और कुल कोलेस्ट्रॉल लेवल को 8 प्रतिशत तक कम कर देता है। साथ ही तिल में पाया जाने वाला अल्फा लिनोलेइक एसिड ट्राइग्लिसराइड लेवल को कम करने के लिए जाना जाता है। इतना ही नहीं तिल में पाया जाने वाला घुलनशील फाइबर ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोककर ब्लड में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।सर्दियों के मौसम में हाई प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट और चीनी में कम तिल का सेवन सबसे अच्छा माना गया है। इन बीजों को अपने आहार में शामिल करने का सबसे अच्छा तरीका है कि इन्हें होलव्हीट ब्रेड और मफिन में शामिल किया जाए।आप चाहें, तो अपने सलाद या सूप के ऊपर कुछ भुने हुए बीज भी डाल सकते हैं। अपने तिल के बीज को ग्रेनोला , नट्स और अन्य बीजों के साथ नाश्ते में मिलाना भी बेस्ट ऑप्शन है। सर्दियों के मौसम में आप तिल के तेल का उपयोग खाना पकाने और तलने के लिए भी कर सकते हैं। तिल पोषक तत्वों से भरपूर है, लेकिन किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव से बचने के लिए आहार में कोई भी बदलाव करने से पहले हमेशा न्यूट्रिशन एक्सपर्ट से सलाह लेने का सुझाव दिया जाता है। मालूम हो कि सर्दियों में गुड़ के साथ तिल का स्वाद बहुत पसंद आता है। इसलिए सर्दियों में तिल से बनी मिठाई खूब खाई जाती हैं। इन दिनों में तिल के लड्डू से लेकर सलाद की टॉपिंग तक हम इसे हर व्यंजन में किसी न किसी रूप में इस्तेमाल करते हैं।
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