प्रतापगढ़। राष्ट्र के सुविख्यात कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज के निधन का समाचार मिलने पर प्रतापगढ़ के संगीतप्रेमियों में शोक की लहर दिखाई पड़ रही है। जानकारी मिली है कि कल दिल्ली के साकेत अस्पताल में हृदय गति रुक जाने के कारण उनका निधन हो गया था। निधन का समाचार मिलने पर प्रतापगढ़ के संगीत प्रेमियों ने शोक संवेदना प्रकट करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।साहित्य संगीत उत्थान समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार परशुराम उपाध्याय सुमन ने कहा है कि राष्ट्र ने कथक नृत्य जैसी मनोहारी संगीत विधा का अनूठा कलाकार खो दिया है। कथक नृत्य की कला में अद्भुत निपुणता के कारण ही उन्हें शासन द्वारा पद्म विभूषण की उपाधि से विभूषित किया गया था।सन 1938 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन्मे बृजमोहन मिश्र उर्फ पंडित बिरजू महाराज ने कथक नृत्य में महारथ हासिल करने के साथ ही कई फिल्मों में काम किया है, जिससे उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अलावा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार एवं कालिदास सम्मान भी मिल चुका है।शोक संवेदना प्रकट करने वालों में शारदा संगीत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य जितेंद्र बहादुर सिंह सहित यश भारती पुरस्कार से सम्मानित महान संगीतज्ञ शिवानी मातनहेलिया, माता शरण उपाध्याय, श्रीमती ममता त्रिपाठी, बृजभान सिंह, श्यामल दादा, अवध नारायण शुक्ल वियोगी, प्रांजलि उपाध्याय, लालता प्रसाद त्रिपाठी लहरी, चिंतामणि पांडेय, नीलम उपाध्याय, अर्चना सिंह, ओम प्रकाश श्रीवास्तव पंछी आदि प्रमुख संगीतप्रेमी रहे।
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