जौनपुर । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्ववाधान में बन्दियों को विधिक जानकारी प्रदान कराने हेतु सचिव श्रीमती शिवानी रावत, की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कारागार, का वर्चुअल निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। डिप्टी जेलर द्वारा बताया गया कि जिला कारागार में कुल 1223 बन्दी है जिसमे 1116 पुरूष तथा 57 महिला तथा 50 किशोर बन्दी हैं। 03 सिद्धदोष एवं 54 विचाराधीन महिला बन्दी हैं जिसमें से महिला बन्दियों के साथ 15 बच्चे हैं। जेल अस्पताल में 26 बन्दियों का इलाज चल रहा हैं, कोई भी बन्दी गम्भीर रूप से बीमार नहीं है। साफ-सफाई के सम्बन्ध में पूॅछताछ करने पर बताया गया कि 23 नवम्बर को जेल परिसर एवं बैरकों में फागिंग करायी गयी है। श्रीमती शिवानी रावत द्वारा नालसा की योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान कराते हुए बताया गया कि ऐसे गरीब, असहाय वर्ग के बन्दी जो धन के अभाव में अपने वादों की पैरवी हेतु वकील कर पाने में असमर्थ हो वह जेल में स्थापित लीगल एड क्लीनिक अथवा कारागार अधीक्षक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जौनपुर में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त कर सकते हैं। जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि ऐसे बन्दियों को चिन्हित कर उनके प्रार्थना पत्र प्रेषित कराना सुनिश्चित करें। सचिव द्वारा गिरफ्तार व्यक्तियों के अधिकारों के बारे में बताया । हिरासत के दौरान आपकी पसन्द के अधिवक्ता से विधिक राय हेतु मिलने या सलाह का अधिकार व गिरफ्तारी के पश्चात चिकित्सीय परीक्षण करवाने का अधिकार प्राप्त है। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि जेल में निरूद्ध बन्दियों के परिजन जेल प्रशासन को 72 घण्टे के अंदर आरटीपीसी आर जॉंच रिपोर्ट दिखाकर जेल में निरूद्ध अपने परिजन बन्दी से मुलाकात कर सकेगे।
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