चित्रकूट। दीपावली पर्व धन वैभव की कामना को लेकर जिले में धूमधाम व हर्षोल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया। शाम के समय घर, कार्यालय, दुकान और अन्य प्रतिष्ठानों में गणेश-लक्ष्मी, कुबेर और सरस्वती सहित अन्य देवी देवताओं की विघिविधान से पूजा की गई। इसके पूर्व घरों को दीपक और रंग बिरंगी झालरों, मोमबत्तियों से सजाया गया। पूजा के बाद बच्चों ने आतिशबाजी कर खुशियां मनाई और एक-दूसरे को दीपावली की बधाई दी।जिले में गुरुवार को दीपावली पर्व धूमधाम से मनाया गया। लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पहले घरों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सफाई की गई। महिलाओं ने लक्ष्मी के स्वागत को घर द्वार में विशेष रंगोली सजाई। इसके लिए रंग बिरंगे रगों की आकृति बनाई गई और उनको दीपक से सजाया गया। रंगोली से लोगों के घरों की शोभा में चार चांद लग रहे थे। इसके बाद विधिविधान से गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा के साथ धन के देवता कुबेर, बुद्धि की देवी सरस्वती और समस्त मनोरथ पूरे करने वाले भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा की गई। दीपावली में दीपक की पूजा का भी विशेष महत्व है। इससे घर में दरिद्र रुपी अंधकार का नाश होता है। इसके लिए दो थालों में दीपक सजाए गए। छह, चैमुखे दीपक दोनों थाल में रखे गए। छब्बीस जलते दीपक के साथ चंदन रोली, खील, बताशा, चावल, गुड़, अबीर, गुलाल व धूप आदि से पूजन किया गया। व्यापारियों ने दुकान की गद्दी पर गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा को रखकर पूजन किया। पूजा समाप्त होने के बाद सभी ने बड़े बुर्जुगों से पैर छूकर आर्शीवाद लिया और फिर जलते हुए दीपक को पूरे घर में सजाया गया। बच्चों ने पटाखे दागे। यह सिलसिला रातभर थम-थम कर चलता रहा।
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