लखनऊ। बिहार के मोतिहारी जिले की पुलिस की एक बड़ी कार गुजारी सामने आई है। पुलिस ने न सिर्फ देश की एक जानी-मानी कंपनी का लाखों रुपये के सामान से भरा टैंकर जब्त कर लिया, बल्कि कोर्ट में मामला जाने के बाद अपनी गर्दन फंसती देखकर पूरा सामान बर्बाद भी कर दिया है। ऐसे में, मामला अदालत में होने के बावजूद पुलिस के कदम पर सवाल उठ रहे हैं। कंपनी का आरोप है कि कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद पुलिस ने उसका सामान जब्त किया था।हाल में पूर्वी चंपारण जिले के मेहसी थाने की पुलिस ने रैडिको खेतान लिमिटेड की रामपुर यूनिट से माल लेकर सेवन सिस्टर्स असम यूनिट, गुवाहाटी, असम के लिए माल लेकर जा रहे एक टैंकर (डब्ल्यूबी 23 एफ 3496) को रास्ते में अपनी गिरफ्त में ले लिया। माल 5ध्03ध्21 को लोड करके 06ध्03ध्21 को असम के लिए रवाना हुआ था। इसके बाद 08ध्03ध्21 को बिहार सीमा पर आबकारी इंसपेक्टर द्वारा टैंकर और लोड हुए स्प्रिट की चेकिंग प्रक्रिया पूरी की गई। और इंसपेक्टर द्वारा कागज को पास करके ई-लॉक कर दिया गया। ई-लॉकर सीद पर दिनांक और समय डालकर उसे ड्राइवर को दिया जाता है। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ड्राइवर सुबह 9रू45 पर असम की ओर रवाना हुआ। लेकिन इस बीच 4-लेन पर चल रहे टैंकर को 08ध्03ध्21 को 12रू30 बजे मेहसी थाने की पुलिस द्वारा रोक लिया गया। पुलिस का आरोप है कि उसे एक अनजान कॉल से टैंकर में पिपरा कोठी से मुजफ्फरपुर शहर की तरफ अवैध रूप से स्प्रिट ले जाने की खबर मिली थी, जिस पर यह कार्रवाई की गई।ट्रांसपोर्ट कंपनी के अधिकारियों ने इस बारे में पुलिस से बात की। उन्होंने पुलिस से टैंकर में कोई अवैध सामान नहीं होने की बात कही और साथ ही कहा कि उनके पास टैंकर में जा रही स्प्रिट के पूरे कागज मौजूद हैं। हालांकि, पुलिस ने कोर्ट के माध्यम से टैंकर छोड़े जाने की बात कही। पुलिस ने टैंकर के साथ ही चालक को भी हिरासत में ले लिया। अहम बात यह है कि इस संबंध में जब पुलिस से यह पूछा गया कि वह किस आदेश के आधार पर यह कार्रवाई कर रही है तो उसने लिखित या मौखिक रुप से किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया। पुलिस की इस जबरन कार्रवाई से न केवल कंपनी को वित्तीय नुकसान हुआ है बल्कि उसकी छवि को भी धक्का लगा है।