इलाहाबादी अमरूदों पर मौसम की मार, फीका रहेगा स्वाद…

प्रयागराज। पूरे दुनिया में मशहूर इलाहाबादी अमरूद पर इस बार मौसम की मार देखी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस बार सर्दी के कारण इलाहाबादी अमरूद में वह स्वाद नहीं रहेगा जो हर साल मिला करता था। इस बार के इलाहाबादी अमरूद स्वाद में फीके रहेंगे, जबकि गुणवत्ता में भी काफी कमी आएगी। धिकारियों का कहना है कि इसका सबसे बड़ा कारण प्री मॉनसून है। साथ ही साथ बारिश के मौसम में अमरूदों की ज्यादा पैदावार होना। जिसके चलते सर्दियों में जो गुणवत्ता वाले अमरुद होते थे, उनमें अभी तक फूल भी नहीं आए हैं। जिन पेड़ों पर अमरुद लगे भी हैं तो उसमें गुणवत्ता की कमी देखी जा रही है। सार्वजनिक उद्यान के प्रभारी प्रशिक्षण अधिकारी वीके सिंह का यह भी कहना है कि अगर बरसात के दौरान हुए अमरूदों को यूरिया के द्वारा उनके फूलों और फलों को नष्ट कर दिया गया होता तब सर्दियों में अमरूदों की पैदावार अधिक होती और मिठास भी होती, लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते अमरूदों के फूल पहले ही आ गए। जिसकी वजह से सर्दियों में बिकने वाले अमरुद कम रहेंगे और उनमें वह मिठास भी नहीं रहेगी। जिससे इलाहाबादी अमरूदों की अलग पहचान पूरी दुनिया में बनी है। उधर किसानों की बात मानें तो उनका भी यही कहना है कि बरसात में अधिक अमरूदों की पैदावार हो जाने के चलते सर्दी के अमरुद कम रहेंगे। साथ ही हवा में फैला प्रदूषण को भी इसका बड़ा कारण बता रहे हैं। किसान बेहद परेशान है क्योंकि इस बार अधिक फसल न होना उनके लिए चिंता बनी हुई है।उधर, अमरूद के किसानों का कहना है कि अमरूदों की हर प्रजातियों पर असर देखा जा रहा है। पिछले साल के मुताबिक इस बार अमरूद के फल कम आए है। साथ ही जो आए भी है उनमें मिठास की कमी है। इस बार अमरूदों के पेड़ों और पत्तो पर भी कीड़े लगे हुए है। इलाहाबाद में अमरूद की प्रसिद्ध किस्में हैं, इनमें इलाहाबादी सफेदा अमरूद के अलावा लाल गूदेवाला, चित्तीदार, करेला, बेदाना, अमरूद सेबिया, सुरखा, श्वेता, पंत प्रभात, एल 39, संगम व ललित इसकी प्रमुख प्रजातिया है। इलाहाबाद और कौशांबी में जहा सुरखा, सेबिया और सफेदा अमरुद की उपज होती है। वहीं इलाहाबादी सुरूखा और सफेदा की डिमांड पूरी दुनिया में है।