प्रयागराज | विधि सह परिवीक्षा अधिकारी विवेक कुमार द्विवेदी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि हाल ही में किशोर न्याय बोर्ड, खुल्दाबाद, प्रयागराज में चल रहे एक प्रकरण में बोर्ड के समक्ष किशोर दावेदार के अभिभावक द्वारा एक विद्यालय से मिलकर मुकदमें में लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से फर्जी प्रमाणपत्र दाखिल किया, जिस पर बोर्ड द्वारा सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य को बुलाकर बयान लिया गया। सुनवाई के दौरान वादिनी मुकदमा द्वारा आपत्ति दाखिल की जिस पर बोर्ड द्वारा वादिनी की ओर दाखिल साक्षीय अभिलेख के आधार पर दूसरे विद्यालय के प्रधानाचार्य को तलब किया गया। उक्त विद्यालय के प्रधानाचार्य मय दस्तावेज उपस्थित होकर अपना बयान अंकित कराया जो किशोर न्याय बोर्ड द्वारा ठोस आधार लगा। कार्यवाही के दौरान बोर्ड के समक्ष यह तथ्य प्रकाश में आया कि किशोर दावेदार के अभिभावक ने सम्बन्धित विद्यालय से मिलकर किशोर को लाभ देने हेतु गलत तरीके से प्रमाण प्रस्तुत किये गये थे। बोर्ड द्वारा गहन पूछताछ करने पर सम्बन्धित पहले विद्यालय के प्रधानाचार्य को पुनः बुलाकर अपनी सफाई रखने हेतु सुनवाई का अवसर प्रदान दिया गया। परन्तु प्रधानाचार्य कोई भी संतोषजनक आधार प्रस्तुत नहीं कर सके। बोर्ड द्वारा उक्त कृत्य पर संज्ञान लेते हुए किशोर दावेदार के अभिभाव व सम्बन्धित पहले विद्यालय के प्रधानाचार्य के विरूद्ध क्षेत्राधिकार वाले थानें मं एफ.आई.आर. दर्ज कराते हुए कानूनी कार्यवाही करने का आदेश दिया व उक्त विद्यालय के विरूद्ध बेसिक शिक्षा अधिकारी को विभागीय जाॅच हेतु पत्र प्रेषित किया गया। साथ ही साथ किशोर न्याय बोर्ड माननीय प्रधान मजिस्टेट शिवार्थ खरे व सदस्यगण नरेन्द्र कुमार साहू, शीला यादव किशोर दावेदार की जाॅच कार्यवाही में किशोर दावेदार को बालिग घोषित करते हुए उसके मुकदमों को सम्बन्धित न्यायालय में भेजा गया। किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्टेट ने कृत्य कार्यवाही में अपना आदेश देते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जिले में ऐसा सिंडिकेट कार्य कर रहा है जो कुछ पैसों के लालच में वयस्क अपराधियां को किशोर प्रमाण पत्र तैयार करने का टंडर लेते है तथा न्यायालय/बोर्ड में मिथ्या साक्ष्य गढ़कर प्रस्तुत करते है।
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