फतेहपुर। आत्मा योजना के अन्तर्गत अंतर्राज्यीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत भारतीय गेंहू एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल (हरियाणा) राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल, मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल एवं राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान संस्थान-एनएचआरडीएफ करनाल में प्रशिक्षण एवं भ्रमण हेतु कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य विभाग के कुल 40 किसानों के दल को जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
किसानांे को रवाना करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि करनाल स्थित संस्थानों में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मृदा सुधार हेतु उपयोगी तकनीकी के साथ ही गेंहू उत्पादन वृद्धि के साथ ही खरपतवार नियंत्रण व रोग नियंत्रण की जानकारी दी जाएगी। बागवानी की खेती, प्याज एवं लहसुन जैसी नकदी फसलों के विषय में भी किसान जानकारी हासिल करेंगे। डेयरी अनुसंधान संस्थान में उन्नतशील नस्लों पशुपालन के साथ दुग्ध उत्पादन एवं पशु चिकित्सा एवं डेयरी उत्पादों के प्रसंस्करण की जानकारी हासिल करने के साथ ही मत्स्य पालन संम्बंधी जानकारी प्राप्त करेंगे। उप कृषि निदेशक राम मिलन परिहार ने बताया कि गेंहू व जौ अनुसंधान संस्थान से किसान अच्छी उत्पादन वाली किस्मों के बीज प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही प्याज एवं लहसुन का बीज एनएचआरडीएफ से प्राप्त करेंगे। जिससे जनपद में आने वाले साल में अन्य किसानों को भी इन किसानों के माध्यम से वहाँ की प्रजाति की उपलब्धता हो सकेगी। प्रशिक्षण एवं भ्रमण दल का संचालन कर रहे प्रज्ञा ग्रामोत्थान सेवा समिति के सचिव उमेश चंद्र शुक्ल ने कहा कि सभी संस्थानों में किसानों को कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन व औद्यानिक खेती की जानकारी दिलाई जाएगी। निश्चित ही इस प्रशिक्षण एवं भ्रमण से किसानों को बेहतर तकनीकी मिलेगी। जिसे अपनाकर किसान अपने आय में वृद्धि कर सकेंगे। इस मौके पर संतोष कुमार, भानुप्रताप सिंह, रमेश प्रसाद त्रिवेदी, रामेश्वर सिंह, भैयालाल, रामदुलारे, शैलेन्द्र कुमार पटेल, वीरेन्द्र यादव, ओंकार सिंह, रामकरन शामिल रहे।