प्रयागराज | स्थित केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन, दिसंबर 2023 के पूर्व भारतीय रेल के पूरे नेटवर्क का विद्युतीकरण करने लिए प्रयासरत है। विद्युतीकरण की प्रक्रिया समय-वद्ध तरीके के साथ गुणवत्तापूर्ण भी होनी चाहिए। विद्युतीकरण में लगने वाले सामान जैसे- स्टील के खम्भे, तांबे एवं अलुमिनियम के तार एवं स्टील के विभिन्न फिटिंग्स की गुणवत्ता बनाये रखना भी कोर का ही उत्तरदायित्व है। ज्ञात हो कि रेल विद्युतीकरण में लगने वाले सामानों को बनाने के लिए किसी भी निर्माता को कोर के मैटेरियल प्लानिंग विभाग से अनुमोदन लेना होता है। अनुमोदन से पूर्व कोर द्वारा सप्लायर की गुणवत्ता-जाँच भली-भाँति की जाती है।दिनांक 14.10.2021 को कोर में विद्युतीकरण में प्रयोग होने वाले स्टील के खम्भे एवं ट्रांसमिशन लाइन के टावरों की गुणवत्ता पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें मेसर्स के॰ई॰सी॰ इन्टरनेशनल द्वारा गुणवत्ता-आश्वासन में ध्यान रखने वाले कई विंदुओं पर प्रकाश डाला गया।कोर के महाप्रबन्धक यशपाल सिंह, ने बताया कि कोर द्वारा “नो योर वेंडर” योजना के तहत सभी मुख्य सप्लायरों के गुणवत्ता मानकों का सतत मूल्यांकन किया जाता है। आज की सगोष्ठी में स्टील स्ट्र्क्चर्स के विभिन्न पहलुओं जैसे मजबूती, जंगरोधक क्षमता, बेडिंग-मोमेंट इत्यादि के परिपेक्ष्य में गुणवत्ता बनाये रखने हेतु कदमों पर गहन चर्चा हुई। सिंह,ने आशा व्यक्त की कि अधिकारियों एवं इंडस्ट्री के बीच गुणवत्ता सम्बन्धी जानकारियों के आदान-प्रदान से रेल-विद्युतीकरण की प्रक्रिया को और भी जल्द सम्पन्न कराया जा सकेगा।संगोष्ठी में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अरुण कुमार, प्रमुख मुख्य सिग्नल एवं दूर संचार इंजीनियर सुरेश कुमार, मुख्य बिजली इंजीनियर (P&D) हर्ष खरे, मुख्य बिजली इंजीनियर (PS) जे॰सी॰एस॰बोरा, मुख्य बिजली इंजीनियर (Planning) एस॰एस॰नेगी, मुख्य बिजली इंजीनियर (कार्य) पुष्पेंद्र रमण त्रिपाठी, मुख्य बिजली इंजीनियर (MP) डी॰के॰श्रीवास्तव, एवं सचिव/महाप्रबन्धक एस॰के॰मिश्रा, उपस्थित रहे।
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