दक्षिण एशिया में शांति के लिए जरुरी हैं, भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को सुलझाया जाए

इस्लामाबाद । पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि दक्षिण एशिया में शांति तब तक संभव नहीं है, जब तक भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को सुलझाया नहीं जाता। सीआईसीए की वर्चुअल बैठक में कुरैशी ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर ‘जहर’ उगला है। कुरैशी ने कहा कि जब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीर के लोगों की इच्छाओं के अनुसार जम्मू-कश्मीर के मुख्य विवाद को हल नहीं होता,तब तक दक्षिण एशिया में स्थायी शांति संभव नहीं है।जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के 5 जवान शहीद हो गए। जब-जब पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियां या तनाव बढ़ता है पाकिस्तान इस मौके का फायदा उठाने के लिए इस तरह के बयान देता रहता है। इससे पाकिस्तान का दोहरा चरित्र बेनकाब होता है। क्योंकि कश्मीर में पाकिस्तान ही सीमापार से दहशतगर्दों को कश्मीर में भेजता है।भारतीय सेना का ध्यान भटकाने और आतंकियों को कश्मीर में प्रवेश कराने के लिए पाकिस्तान सीमा पर सीजफायर उल्लंघन का सहारा लेता है।हालांकि भारतीय सेना ज्यादातर पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देती है। अफगानिस्तान पर कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे शांति, स्थिरता और विकास की तलाश में अफगान लोगों का समर्थन करें। उन्होंने संवाद और सहयोग के माध्यम से एशियाई महाद्वीप पर शांति, सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए सीआईसीए की सराहना की। कुरैशी अफगानों के लिए समर्थन मांग रहे हैं और इमरान खान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तालिबान को मान्यता देने की गुहार लगे रहे हैं। तालिबान और पाकिस्तान की दोस्ती जगजाहिर है। काबुल पर कब्जे में पाकिस्तान ने तालिबान का साथ दिया। इमरान खान ने इस फगानिस्तान की आजादी’ बताया था। अफगानों के दिलों में पसरे खौफ की वजह तालिबान ही है।