कौशाम्बी। शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि को जिले के सभी देवी मंदिरों में मां कालरात्रि की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई। तंत्र-मंत्र की अधिष्ठात्री मां कालरात्रि की पूजा अर्चना के लिए मंदिरों में भोर पहर से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। करारी क़स्बे मे माँ काली मंदिर सहित सभी काली स्थानों पर धूप, दीप, नैवेद्य, तंबुल, सुपारी एवं पुष्प आदि से साधकों ने साधना कर मां कालरात्रि से जीवन की बाधाएं दूर करने का आशीर्वाद मांगा।मां भगवती की सातवीं शक्ति को कालरात्रि के रूप में जाना जाता है। इन्हें भगवान विष्णु की योग निद्रा कहा गया है। मां कालरात्रि का स्वरूप तो भयानक है लेकिन वह भक्तों को सदैव शुभ फल ही प्रदान करती हैं इसीलिए इन्हें शुभांकरी भी कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि मां कालरात्रि के स्मरण मात्र से ही दुष्ट, दानव एवं भूत-प्रेत भयभीत होकर भाग जाते हैं। यह देवी ग्रह बाधाओं को भी दूर करती हैं। नवरात्र सप्तमी के दिन मंगलवार को जिले के सभी देवी मंदिरों में मां कालरात्री की पूजा अर्चना के लिए श्रद्घालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा।रामलीला मैदान,भरत मिलाप मैदान, नगर पंचायत परिसर व अशोक नगर आदि क़स्बे के पंडालों में मां कालरात्रि की पूजा अर्चना के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटी। श्रद्धालुओं ने माता रानी का जयघोष करते हुए विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की व प्रसाद ग्रहण किया। कालरात्री की साधना के लिए साधक मध्यरात्रि तक जुटे रहे। इस मौके पर ज्ञानू शर्मा, श्याम सुन्दर केशरवानी, बाल गोविंंद साहू, प्रिंस वर्मा, लाल जी वर्मा, जयसिंह मौर्या, मनीष साहू,संजय जायसवाल, अशोक चौरसिया, अनुराग मोदनवाल आदि समस्त माँ के भक्त पंडालों मे मौजूद रहें।
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