रेकेविक । वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उपयोग में लाई जा रही मॉडर्ना की वैक्सीन से हृदय में सूजन संबंधी परेशानी बढ़ने की सूचना के बाद आइसलैंड ने शुक्रवार से वैक्सीन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है। कई नॉर्डिक देशों ने भी मॉडर्ना की वैक्सीन के उपयोग को सीमित कर दिया है। हाल ही में फिनलैंड ने भी हार्ट इन्फ्लेमेशन के चलते इस वैक्सीन इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है।हेल्थ डायरेक्टोरेट ने बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि ‘क्योंकि क्षेत्र में फाइजर वैक्सीन की सप्लाई पर्याप्त है…चीफ एपेडेमियोलॉजिस्ट ने आइसलैंड में मॉडर्ना वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है।’ प्रमुख महामारी विशेषज्ञ ने बयान दिया, ‘मॉडर्ना वैक्सीन के बाद मायोकार्डिटिस और पेरीकार्डिटिस के बढ़ते मामलों के साथ-साथ फाइजर/बायोएनटेक के इस्तेमाल से टीकाकरण के चलते’ यह फैसला लिया गया है। बीते दो महीनों से आइसलैंड में जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन जेनसेन प्राप्त करने वाले लोगों को मॉडर्ना का अतिरिक्त डोज दिया जा रहा है। साथ ही यह टीका, किसी अन्य वैक्सीन के दोनों डोज प्राप्त कर चुके कमजोर इम्युनिटी वालों को भी दी जा रही है। हालांकि, यह नया फैसला 3 लाख 70 हजार लोगों वाले आइसलैंड पर जारी टीकाकरण अभियान को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा। क्योंकि 12 साल से ज्यादा उम्र की 88 फीसदी आबादी को वैक्सीन लग चुकी है।गुरुवार से स्वीडन और फिनलैंड ने भी 30 साल से कम उम्र के लोगों को मॉडर्ना वैक्सीन देना बंद कर दिया है। वहीं, डेनामार्क और नॉर्वे ने औपचारिक रूप से 18 साल से कम उम्र के लोगों में इस वैक्सीन के उपयोग के खिलाफ सलाह जारी की है। स्वीडिश अधिकारियों के अनुसार, ज्यादातर सूजन हलकी हैं और अपने आप ही खत्म हो जाती हैं, लेकिन लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए। गुरुवार को फीनिश इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड वेलफेयर ने कहा कि अथॉरिटीज 30 साल से कम उम्र के पुरुषों को मॉडर्ना का डोज नहीं देंगी। इसके बजाए उन्हें फाइजर/बायोएनटेक की वैक्सीन दी जाएगी। सरकारी एजेंसी का कहना है कि उन्होंने पाया है कि युवाओं और कम उम्र के लड़कों में मायोकार्डिटिस का जोखिम ज्यादा है।
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