नई दिल्ली । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम पंचायतों में काम कर रहे रोजगार सेवकों को राहत दी है। सीएम योगी ने कहा कि राज्य की 600 ग्राम पंचायतें अब नगर निकाय का हिस्सा हो गई हैं। इन पंचायतों के ग्राम रोजगार सेवकों को सेवा से निकाले जाने का खतरा था। ऐसा नहीं होने दिया गया। 415 को दूसरी पंचायतों में तैनाती दी गई है, जो बचे हैं उन्हें भी जल्द तैनाती दी जाएगी। किसी को भी नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी ग्राम रोजगार सेवक का करीबी रिश्तेदार गांव का प्रधान चुन लिया गया है तो भी उसे सेवा से न हटा कर दूसरी पंचायतों में तैनात किए जाने का इंतजाम किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मनरेगा में और काम जोड़ने पर विचार कर रही है।उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में 12622 करोड़ रुपये खर्च कर 1.16 करोड़ रोजगार सृजन किया गया। 39.46 करोड़ मानव दिवस का सृजन करने वाला यूपी देश का पहला राज्य बना। पीएम आवास योजना में 42 लाख आवास दिया। इसमें भी यूपी पहले नंबर है। चार साल में 103.27 करोड़ मानव दिवस सृजित किया गया, जिसमें से अकेले वर्ष 2020-21 में ही 39.46 करोड़ में किया गया। 26 जून 2020 को एक दिन में राज्य में 62.25 लाख मजदूर मनरेगा के तहत काम पर लगे थे। इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ था। 7.79 लाख परिवारों को 100 दिन मनरेगा के तहत रोजगार दिया। किसानों को सिंचाई और खेत तालाब योजना का काम कर लाभ पहुंचाया। 2020-21 में ही 25 नदियों को मनरेगा के तहत पुनर्जीवित किया गया। मनरेगा सम्मेलन के मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदत्यनाथ ने एक साल में 100 दिन मनरेगा के तहत काम करने वाले दो कामगारों, अपर आयुक्त मनरेगा तथा कई अन्य को उनके बेहतर काम के लिए सम्मानित किया। कोरोनाकाल में मनरेगा के तहत राज्य में रिकार्ड लोगों को रोजगार से जोड़ने पर अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार सम्मानित किए गए। ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ‘‘मोती सिंह’’ ने इनके द्वारा इस अवधि में उठाए गए कदमों की सराहना की। मुख्यमंत्री के हाथों मंच पर सम्मानित होने वालों में अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार, मनरेगा के तहत एक साल में 100 दिन काम करने वाले कई किसानों व अफसरों को भी सम्मानित किया गया है।
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