वॉशिंगटन । दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका में भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जंयती मनाई गई। यूएस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अहिंसा, सम्मान और सहिष्णुता का संदेश आज जितना मायने रखता है उतना शायद पहले कभी नहीं रहा होगा। वैश्विक शांति के दूत महात्मा गांधी को उनकी 152वीं जयंती के मौके पर अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में श्रद्धांजलि दी गई। अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘हमने भारत और दुनियाभर में अपने मित्रों के साथ मिलकर महात्मा गांधी की 152वीं जयंती मनायी।’ उन्होंने एक सप्ताह पहले व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा की गई टिप्पणियों को याद किया। ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि राष्ट्रपति ने कहा था, ‘हम सभी को यह याद दिलाने की जरूरत है कि अहिंसा, सम्मान और सहिष्णुता का उनका संदेश जितना आज मायने रखता है उतना शायद पहले कभी नहीं रहा।’अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने अमेरिकी राजधानी में गांधी के स्मारक पर बापू को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘गांधी जी का जीवन और विरासत भारत, अमेरिका और विश्व में पीढ़ियों को प्रभावित और प्रेरित करती रहेगी।’ इस हफ्ते की शुरुआत में प्रतिष्ठित हावर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों ने गांधी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि दी थी और दूतावास में एक चर्चा में भाग लिया था। हावर्ड विश्वविद्यालय के बंच इंटरनेशनल सेंटर ने कहा, ‘उस व्यक्ति को जन्मदिन की बधाई जिन्होंने हमें सिखाया कि विनम्र तरीके से भी आप दुनिया को हिला सकते हैं।’ भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना ने कहा, ‘हम बड़े और छोटे तरीके ढूंढकर गांधी की बहुलवाद और शांति की सीख को आत्मसात कर उन्हें सम्मान दे सकते हैं।’महात्मा गांधी ने कभी अमेरिका की यात्रा नहीं की लेकिन संभवत: यह एकमात्र देश है जहां भारत के राष्ट्रपिता की सबसे अधिक प्रतिमाएं हैं। शांति के दूत रहे गांधी की शिक्षाओं और सिद्धांतों का अमेरिका के नागरिक अधिकार आंदोलन पर गहरा असर पड़ा जिसका नेतृत्व मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने किया था। अमेरिका के नेशनल मॉल एंड मेमोरियल सर्विस ने कहा, ‘दो अक्टूबर, 1869 में जन्मे मोहनदास गांधी ने अपना अधिकांश जीवन लोगों के सम्मान और समानता के लिए काम करने में समर्पित कर दिया। शांतिपूर्ण विरोध के उनके सिद्धांत का डॉ. किंग और नेल्सन मंडेला पर महत्वपूर्ण असर पड़ा, गांधी को भारतीय दूतावास के समीप वॉशिंगटन डीसी पर एक प्रतिमा बनाकर सम्मानित किया गया है।’ महात्मा गांधी ने कभी अमेरिका की यात्रा नहीं की, लेकिन शायद यह एकमात्र ऐसा देश है जहां भारत के राष्ट्रपिता की मूर्तियों और प्रतिमाओं की संख्या सबसे अधिक है। शांति के दूत की शिक्षाओं और दर्शन ने अमेरिका के नागरिक अधिकारों के आंदोलन को गहरे से प्रभावित किया है, विशेष रूप से जिसका नेतृत्व मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने किया था। यूएस कैपिटल हिस्ट्रोरिक सोसायटी ने कहा कि 1869 में आज के दिन मानवाधिकार के पैरोकार गांधी का जन्म हुआ। अमेरिका के विभिन्न शहरों में महात्मा गांधी के सैकड़ों अनुयायियों ने प्रार्थना सभा की और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। न्यूयॉर्क में भारत के वाणिज्य दूतावास पर महावाणिज्य दूत रणधीर ने यूनियन स्क्वायर पार्क पर गांधी जयंती का जश्न मनाया। महावाणिज्य दूत, भारतीय समुदाय के लोगों और अमेरिकी मित्रों ने महात्मा गांधी को पुष्पांजलि दी और शांति तथा अहिंसा के उनके संदेश को याद किया।
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