‘चांदनी बार’ फिल्म ‎को हो गए बीस साल

मुंबई। बालीवुड की ‘चांदनी बार’ फिल्म 28 सितंबर 2001 में रिलीज हुई थी।फिल्म के रिलीज के 20 बरस हो चुके हैं लेकिन फिल्म की कहानी आज भी लोगों को झकझोर देती है। फिल्म डायरेक्टर मधुर भंडारकर की यादगार फिल्मों में से एक है ‘चांदनी बार’ ।मधुर ने मेकिंग के दिनों को याद करते हुए बताया कि इस फिल्म को उन्होंने तब्बू को ध्यान में रखकर लिखा था।इस फिल्म को बनाने के लिए बजट इतना कम था कि जब ‘हीरोइन’ बनाई तो करीना कपूर के ड्रेस की कीमत इससे अधिक थी।कम बजट में बनी ‘चांदनी बार’ इतनी पसंद की गई कि इसके खाते में 4 नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स आए थे।मधुर भंडारकर बताते हैं कि उनकी पहली फिल्म का टाइटिल से लेकर फैल्योर तक सब चर्चा का विषय बन गया था।मीडिया से बात करते हुए बताया, ‘इस टॉपिक पर फिल्म बनाने का फैसला काफी रिस्की था।लोगों को इस फिल्म के टाइटिल से ही दिक्कत थी।लोगों को लग रहा था कि बी-ग्रेड की चीप फिल्म होगी।मैं इसके बारे में 6 महीने तक रिसर्च करता रहा था’।मधुर बताते हैं कि ‘मैंने जब ‘चांदनी बार’ को लेकर प्रोड्यूसर्स को एप्रोच किया तो वे चाहते थे कि मैं फिल्म में कुछ आइटम नंबर भी रखूं, जो मैं नहीं चाहता था।बात बन नहीं पा रही थी, लेकिन मैं हर हाल में फिल्म अपने हिसाब से बनाना चाहता था।मैंने इस फिल्म को बहुत कम बजट में बनाया।हंसते हुए बताते हैं कि इतना कम कि मैंने एक बार करीना को मजाक में बोला था कि मैंने ‘हीरोइन’ में जितना पैसा कपड़ों पर खर्च कर दिया उससे कम बजट में चांदनी बार बना दी थी’।‘चांदनी बार’ फिल्म मुंबई में एक बार डांसर की कहानी है।इस फिल्म की सफलता ने मधुर भंडाकर को ऐसे सफल निर्देशकों की कतार में खड़ा कर दिया, जो सच्ची और बोल्ड टॉपिक पर फिल्में बनाते हैं।तब्बू को अपनी फिल्म में कास्ट करने के बारे में मधुर ने बताया था कि ‘उन्हें स्क्रिप्ट बहुत पसंद आई।मैंने फिल्म तब्बू को ही दिमाग में रख कर लिखी थी।वह मेरी पहली और आखिरी च्वॉइस थीं।अगर तब्बू मना कर देतीं तो मैं निराश हो जाता।उस वक्त वह कॉमर्शियल फिल्में कर रहीं थीं, ऐसे में दो बच्चों की मां का रोल प्ले करना आसान नहीं था’।फिल्म जब रिलीज हुई तो जबरदस्त हिट रही।मधुर भंडारकर की फिल्म ‘चांदनी बार’ में तब्बू के अपोजिट अतुल कुलकर्णी थे।इसके अलावा राजपाल यादव और अनन्या खरे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।