लोगों में परिवर्तन की अनुभूति ही मेरा लक्ष्य: गोविन्द माधव 

सिद्धार्थनगर। नगरपालिका क्षेत्र में जो रंग रोगन दिख रहा है,सब रैपर है। केवल ऊपर से सजा दिया गया,अंदर खोखला है। नगर को संवारने में जमीनी स्तर से काम शुरु करना होगा। जनता में जब तक परिवर्तन की अनुभूति न हो तब तक अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने से कोई फायदा नहीं।यह कहना है नगरपालिका के चेयरमैन गोविंद माधव का। गोविन्द माधव के राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखें तो उनके लिए नगरपालिका का चेयरमैन बहुत छोटा पद है। निकाय चुनाव के एन वक्त पार्टी का निर्णय आया तो इन्हें चुनाव लड़ना पड़ा। इन्होंने निवर्तमान चेयरमैन को अच्छी बढ़त से शिकस्त दी। निवर्तमान चेयरमैन श्याम बिहारी जायसवाल भी भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। पार्टी के अंदरूनी सर्वे में उनकी स्थिति ठीक न होता देख पार्टी ने गोविंद माधव को चुनाव लड़ने का निर्देश दिया। श्याम बिहारी जिसका टिकट भाजपा ने काट दिया था,वे निर्दल लड़ गए और भारी वोटों के अंतर से पराजित हुए।गोविन्द माधव भाजपा के जिला अध्यक्ष भी थे। उनके चाचा स्व धनराज यादव नौगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कई बार भाजपा से विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं। गोविन्द माधव का भाजपा के युवा संगठन से लेकर जिला अध्यक्ष का कार्यकाल बहुत शानदार रहा। उन्होंने संगठन के विभिन्न पदों पर रहकर पार्टी की अपेक्षाओं के अनुरूप काम किया। संगठन में वे प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों के विश्वास पात्रों में हैं।नगरपालिका का चेयरमैन चुने जाने के बाद वे लगातार वार्डों में दिखाई पड़ते हैं। डोर टू डोर लोगों से उनकी और मुहल्ले की समस्याओं से रूबरू होकर उसके फौरन निस्तारण का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि नगर से जल निकासी की समस्या दूर हो जाय तो समझिए आधे से अधिक समस्याओं का समाधान हो गया। उसके बाद गली मुहल्लों तक आवागमन के लिए अच्छी सड़कें बन जाय। उन्होंने कहा कि इस नगरपालिका का स्वरूप अभी भी गांव जैसा है। इसे सुंदर शहर का स्वरूप देना मेरी प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कमीशनखोरी के चक्कर में तमाम गैर जरूरी काम कराए गए। ऐसे कामों का रैपर तो सुंदर दिखता है जबकि अंदर से बिल्कुल घटिया है। जरूरत है ठोस और मजबूत कामों की। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में इस नगरपालिका को रोल-मॉडल बनाना लक्ष्य है ताकि न रहने पर शिलापट्ट पर नहीं लोगों के दिलों में अपना नाम दर्ज रहे।